वीर बालिका नीरजा - भाग २
पहला भाग : वीर बालिका नीरजा - भाग १ नीरजा: " जी दादाजी। मेरी योग्यता पर किंचित संदेह किंचित=Slightest, संदेह=Doubt न कीजिये। आप केवल मुझे यह बताइए की जाना कहाँ है?" वृक्ष: " ठीक है! तो ध्यान से सुनो! यहां से कुछ पंद्रह सौ कोस दूर उत्तर दिशा में, हिमालय के पार, पामिर पर्वतों से घिरा हुआ का राकुल सरोवर है। उस सरोवर Lake का जल उसमें विचरण करने वाले जलजीवों के कारण गहरा काला हो गया है। किसी तरह तुम्हें उस सरोवर के तल से एक काला मोती प्राप्त करना होगा। उस मोती को पीस कर, उसके चूरे को तुम्हारे नाना द्वारा बनाई गयी औषधि में मिला कर छोटी राजकुमारी को पिलाने से ही वह ठीक हो पाएगी। " अपने परदादा से काराकुल तक पहुँचने की सारी जानकारी प्राप्त कर और उनका आशीर्वाद लेकर वह अकेले ही उस काले मोती की खोज में निकल पड़ी। दो दिनों तक अपने घोड़े पर सवार कई छोटी-बड़ी नदियों और पर्वतों को पार कर राजकुमारी ने एक घने जंगल में प्रवेश किया।...